लाइब्रेरी में जोड़ें

जन एकता की भाषा हिंदी प्रतियोगिता हेतु



शीर्षक—भारत माँ को प्रणाम 


प्रति-पल शीश झुकाता तुझको, करता तुझे सलाम 
भारत माँ तेरे चरणों में, शत-शत बार प्रणाम।। 

तेरी गोदी में बहता, नदियों का पावन संगम
जग कुटुंब के भाव लिए, खिलती है प्रेम की सरगम।। 
तेरे सजदे, जिद अपनी, मैं हो जाऊँ कुर्बान
भारत माँ तेरे चरणों में, शत-शत बार प्रणाम।। 

हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, सब मिलकर हैं रहते
होली, ईद और वैशाखी, गले सभी हैं मिलते।। 
कभी भगत सिंह वीर रहे, कभी अद्भुत रहे कलाम
भारत माँ तेरे चरणों में, शत-शत बार प्रणाम।। 

आदिकाल से तेरा माता, स्वर्णिम है इतिहास
जग के सारे देशों में, तेरी मिट्टी है खास।। 
तेरी मिट्टी में मिल जाऊँ, इच्छा यही तमाम
भारत माँ तेरे चरणों में, शत-शत बार प्रणाम।। 

प्रति-पल शीश झुकाता तुझको, करता तुझे सलाम
भारत माँ तेरे चरणों में, शत-शत बार प्रणाम।।



हिन्दी दिवस पर आयोजित प्रतियोगिता हेतु 



----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---


   16
7 Comments

Kavita Gautam

23-Sep-2022 05:23 PM

बेहतरीन प्रस्तुति।

Reply

Seema Priyadarshini sahay

03-Sep-2022 02:24 PM

बेहतरीन

Reply

Behtarin rachana

Reply